फ़िल्म: गद्दर
गायक : उदित नारायण
उड़ जा काले कावां तेरे मूविच खंड पांवाँ
ले जा तू सन्देशा मेरा मैं सदके जावां
बागों में फिर झूले पड़ गए पाक गए मिठियां अम्बियाँ
यह छोटी से जिंदगी दे रातां लम्बियां लम्बियां
ओः घर आजा परदेशी के तेरी मेरी एक जिन्दगी
ओः घर आजा परदेशी के तेरी मेरी एक जिन्दगी
छम छम करता आया मौसम प्यार के गीतों का
रस्ते पे अँखियाँ रास्ता देखे बिछडे मीतों का
सारी सारी रात जगाये मुझको तेरी यादें
मेरे सारे गीत बने मेरे दिल की फरियादें
ओः घर आजा परदेशी के तेरी मेरी एक जिन्दगी
ओः घर आजा परदेसी के तेरी मेरी एक जिन्दगी
इस गाने को यहाँ देखे
Thursday, July 24, 2008
Udja Kale Kawan उड़ जा काले कावां
at 8:55 PM
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